भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।। चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान https://shivchalisas.com